अंबेडकर नगर जिले में स्थित कस्बा टांडा जिसे सन 1714 में मुगल सम्राट फरुखशियर के फरमान पर राजा सैयद हुसैन अली साहब ने बसाया था आज भी मुस्लिम समाज के भाइयों की अच्छी संख्या है।
अंबेडकर नगर और आसपास के इलाकों में जैसे-जैसे संघी मजबूत होते गए अवध में सांप्रदायिकता भी अपने परवान चढ़ती गई,टांडा भी इससे अछूता नहीं रहा।
ऐतिहासिक रूप से टांडा के मुस्लिम है वतनपरस्त रहे हैं, 1857 की क्रांति में राजा सैयद हुसैन अली साहब और उनके भाई राजा सैयद अब्बास अली ने पूरी मजबूती से अंग्रेजों से लोहा लिया था।
टांडा समेत पूरे अंबेडकर नगर में कुर्मी और मुस्लिम समाज के बीच हमेशा से ही भाईचारा रहा है,यहां के कुर्मी हमेशा सही शिक्षित और प्रोग्रेसिव माइंडसेट के रहे हैं।
अभी हाल ही में एक कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हो रही है जिसमें भाजपा के दो सदस्य आपस में लड़ते हुए, गाली गलौज करते हुए सुनाई दे रहे हैं वर्मा जी टांडा से हैं और आरएसएस के विचारधारा से प्रभावित है पर उन्हें 20 साल से भाजपा में सेवा देने के बावजूद भी अपनी लॉयल्टी पंडित के सामने दिखानी पड़ रही है, प्रूफ करनी पड़ रही है।
मेरा व्यक्तिगत मत है कि कुर्मियों के लिए मुस्लिम मेजॉरिटी इलाके पोंगा बहुल इलाकों से हर मायने में बेहतर होते हैं साफ तौर पर देखा जा सकता है कि मुस्लिम मेजॉरिटी इलाकों के कुर्मी ज्यादा प्रोग्रेसिव ज्यादा शिक्षित होते हैं, भूत प्रेत अंधविश्वास आदि कुरीतियों के चक्कर में कम पड़ते हैं ।
मुस्लिम भाइयों से हमारा ब्रदरहुड हमेशा सही रहा है जिसे आप इस मायने में भी देख सकते हैं कि टांडा विधानसभा में दो तिहाई बार कुर्मी ही विधायक बना है।
संघ के इशारे पर नफरत फैलाने वालों से दूरी बनाने में ही भलाई है यह खुद बिना घर गृहस्ती के हैं आपके घर में भी आग लगाना चाहते हैं।
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