अभी ब्रिटेन में आम चुनाव समाप्त हुए हैं और बना के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री बन गए हैं बोरिस जॉनसन और उसके बाद वहाँ की गृहमंत्री बनी है Priti सुशील पटेल यह क्षण कुर्मी समाज के लिए गौरवान्वित करने वाले हैं हैं वक्त हमारे द्वारा समीक्षा विश्लेषण का ठीक है ब्रिटेन में एक कुर्मी को इतना बड़ा को इतना बड़ा राजनैतिक पद मिल सकता है पर भारत जहां पर कुर्मी समाज की 24 फ़ीसदी से अधिक से अधिक से अधिक आबादी है यहां पर कुर्मी समाज आज की राजनीतिक हिस्सेदारी राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए चिल्ला रहा इसके बावजूद को उपयुक्त हिस्सेदारी नहीं मिला क्या भारत के 35 करोड़ कुर्मी आज आज नपुंसक हो गए हैं क्या उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है क्या उनके अंदर क्षमता नहीं ले गई है क्या वह गई है क्या वह योग्य नहीं है 33 करोड़ की जनसंख्या होने के बावजूद अपने समाज को प्रदान करें कुर्मी एक मेहनती जाती है जो अपने ईमानदारी वाक्य सीता के लिए प्रसिद्ध है समाज के बुद्धिजीवियों युवा व प्रत्येक कुर्मी को कुछ से प्रश्न पूछना चाहिए क्या हम सिर्फ एक कुर्मी परिवार में जन्म लेने भर से ही कुर्मी होगा या फिर हमने हमने फिर हमने हमने हमने अपनी जाति के लिए कुछ किया क्या हम कर्म से भी कुर्मी हैं हैं भी कुर्मी हैं हैं कुर्मी हैं या नहीं यह प्रश्न आज प्रत्येक कुर्मी को खुद से पूछा चाहिए हमारी संख्या 35 ग्राउंड से भी अधिक है हम किस राजनैतिक दल को चाहने उसे जीता सकते हैं जिसे चाहे उसे मिट्टी में मिला सकते हैं पाइल्स के बावजूद बेसहारा बावजूद बेसहारा पढ़े हुए और समाज का एक बहुत बड़ा हिस्सा अपने अपने राजनैतिक दलों राजनैतिक दलों की चाटुकारिता करने में बहुत ही अधिक व्यस्त है हमारे लिए अपनी जाति अपनी उत्पत्ति अपनी उत्पत्ति अपना धर्म कुर्मी समाज से अधिक अपना अपना राजनीतिक दल
हो गया गया राजनीतिक दल हो गया गया है यही सोच है जिसकी वजह से कुर्मी समाज की शक्तियों के खंड खंड हो गए भारतवर्ष के राज्य में कुर्मी समाज की में कुर्मी समाज की जनसंख्या है आर्बा निर्णायक भूमिका में है अब समय आ गया है कि है कि कुर्मी समाज उप जाति उपनाम राज्य भाषा आदि के पैरों से ऊपर उठकर अपने राजनैतिक हिस्सेदारी की मांग करें यह वक्त बदलाव का है यह वक्त क्रांति का है क्रांति का है देश के विभिन्न हिस्सों विभिन्न हिस्सों में जहां पर कोई विश्वास को भिन्न नामों से जाना से जैसे कि मराठा कुनबी पटेल पाटीदार खंडायत, कुटुम्बर, कंबोज सैंथवार अवधिया धानुक रेड्डी नायडू वोका लिंगा कम्मा का इन सभी को एक हो जाना चाहिए और अपने पूर्वजों की तरह देश व धरा का नेतृत्व करना चाहिए हम अप्रत्याशित रूप से अपने पूर्वजों केशव स्वाभिमान अपमानित कर रहे हैं
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