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Showing posts from 2020

भारतीय नौसेना में क्या है कुर्मियों का योगदान, आज भूल बैठे है कुर्मी

हमारा देश भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है लंबी समुद्री सीमा देश की व्यवस्था को और ज्यादा विराट को प्रदान करती है। भारत बहुत पुराने समय से समुद्र के रास्ते व्यापार करता आया है। समुद्रों का इस्तेमाल राज्य अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए भी खूब करते आए हैं और ,आज भी कर रहे हैं तभी तो चीन लगातार हिंद महासागर में भारत को घेरने के लिए अपने बंदरगाहों और जंगी जहाजों की संख्या में वृद्धि कर रहा है। भारत भूमि के शासक वर्ग चाहे वह दिल्ली के सुल्तान हो या राजपूत या फिर मुगल किसी ने भी नौसेना पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया परंतु कुर्मी शासकों ने नौसेना की आवश्यकता को भलीभांति जाना और देश की सुरक्षा के लिए नौसेना की स्थापना की तभी तो इंडियन नेवी कुर्मी कुलभूषण छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना प्रेरणास्रोत मानती है यहां तक की छत्रपति शिवाजी महाराज को फादर आफ इंडियन नेवी भी कहा जाता है । शिवाजी महाराज ने सन 1650 में कोंकण प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों में अपनी नौसेना की नीव रखदी थी । समुद्र से होने वाले व्यापार पर पुर्तगालियों व अंग्रेजों का एकाधिकार था इसके अलावा समुद्री मार्गो पर लुटेरों व डाकुओं

ब्रिटेन में कुर्मी शेरनी प्रीति पटेल ने कैसे लगायी पाकिस्तानियों की वाट

अभी हाल ही में दिसंबर 2019 मैं ब्रिटेन में आम चुनाव हुए जहां एक तरफ से लेबर पार्टी जो कि शुद्ध रूप से भारत विरोधी है । लेबर पार्टी में पाकिस्तानी मूल के लोगों की अच्छी खासी तादाद है यहां तक कि लेबर पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में साफ तौर पर यह लिखा था कि अगर वे चुनाव जीते हैं और वे सरकार में आते हैं तो वह ब्रिटिश पार्लियामेंट में भारत द्वारा धारा 370 के हटाए जाने के विरोध में एक प्रस्ताव पारित करेंगे। लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर हुए पत्थरबाजी व हिंसा में लेबर पार्टी के सादिक खान की भूमिका थी। लेबर पार्टी के विरोध में कंजरवेटिव पार्टी जिसमें कि भारतीय मूल के लोगों का अच्छा स्थान है विशेषकर पटेल कुर्मी का अच्छी खासी संख्या है ,वहीं कूटनीतिक रूप से भी कंजरवेटिव पार्टी भारत समर्थक मानी जाती है। कंज़र्वेटिव पार्टी की एक प्रमुख नेत्री हैं श्रीमती प्रीति पटेल चुनावों के बाद जब परिणाम आते हैं तो भारत समर्थक कंजरवेटिव पार्टी की बड़ी जीत होती है, प्रीति पटेल को ब्रिटेन के गृह मंत्री बनाया जाता है । अब क्योंकि प्रीति पटेल एक भारतीय थी उन्हें ब्रिटेन में इतना बड़ा पद मिलने के बाद अपने

बैसवार कुर्मी क्षत्रियों का गौरवशाली इतिहास

बैसवार कर्मियों का लिखित इतिहास गुप्त काल से मिलता है गुप्त साम्राज्य में बैसवार कुर्मी सामंत हुआ करते थे प्रशासनिक इकाई विश्व के अधिपति को वश कहा जाता था कालांतर में अवैध शब्द सही बैसवार शब्द का जन्म हुआ गुप्त साम्राज्य के महा सामंत बैसवार पुर में कुल शिरोमणि  ओलिकारवंशी  वंशी मालव राज यशोधर्मन ने हूड आक्रमणकारी मिहिरकुल को हराया तथा उसे कश्मीर में भागने के लिए विवश कर दिया। गुप्त साम्राज्य की अपार सफलता में बैसवार कुर्मी क्षत्रियों का अनमोल योगदान था। गुप्त साम्राज्य के पतन के उपरांत बैसवार कुर्मी क्षत्रियोे ने स्वतंत्र राज्य का निर्माण किया । बैसवार कुर्मी पुष्यभूति बर्मन ने वर्धन वंश की स्थापना की ,जिस वंश में राजा प्रभाव का वर्णन तथा दानवीर राजा हर्षवर्धन जैसे वीरों ने जन्म लिया दानवीर राजा हर्षवर्धन ने कश्मीर से लेकर से लेकर सिंध तक राज्यविस्तार किया तथा कन्नौज को देश की सत्ता का केंद्र बनाया। युद्धों के अतिरिक्त राजा ह एक राजा के रूप में प्रसिद्ध राज्य के गरीबों को दान दिया करते थे चीनी यात्री हुए अपने आचरण में लिखा है कि भारत जैसा कोई देश नहीं और राजा हर्षवर्धन जैसा कोई