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भारतीय नौसेना में क्या है कुर्मियों का योगदान, आज भूल बैठे है कुर्मी

1971 Indo-Pak Naval Battle; Why Shivaji Hailed as Father of Indian ...
हमारा देश भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है लंबी समुद्री सीमा देश की व्यवस्था को और ज्यादा विराट को प्रदान करती है।
भारत बहुत पुराने समय से समुद्र के रास्ते व्यापार करता आया है।
समुद्रों का इस्तेमाल राज्य अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए भी खूब करते आए हैं और ,आज भी कर रहे हैं तभी तो चीन लगातार हिंद महासागर में भारत को घेरने के लिए अपने बंदरगाहों और जंगी जहाजों की संख्या में वृद्धि कर रहा है।
भारत भूमि के शासक वर्ग चाहे वह दिल्ली के सुल्तान हो या राजपूत या फिर मुगल किसी ने भी नौसेना पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया परंतु कुर्मी शासकों ने नौसेना की आवश्यकता को भलीभांति जाना और देश की सुरक्षा के लिए नौसेना की स्थापना की तभी तो इंडियन नेवी कुर्मी कुलभूषण छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना प्रेरणास्रोत मानती है यहां तक की छत्रपति शिवाजी महाराज को फादर आफ इंडियन नेवी भी कहा जाता है ।
शिवाजी महाराज ने सन 1650 में कोंकण प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों में अपनी नौसेना की नीव रखदी थी ।
समुद्र से होने वाले व्यापार पर पुर्तगालियों व अंग्रेजों का एकाधिकार था इसके अलावा समुद्री मार्गो पर लुटेरों व डाकुओं का भी खौफ निरंतर बना रहता था।
Chatrapati Shivaji Maharaj and the Evolution of 'Indian Navy ...
इस वजह से शिवाजी महाराज के नौसेना की आवश्यकता को भरी बातें समझा और अपनी शक्ति में तीव्र बढ़ोतरी की सन 1664 जब सूरत के युद्ध में मराठा नौसेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर दुश्मनों को धूल चटा दी थी, सन 1679 में जब मुंबई से 11 मील दूर खंडेरी के द्वीप पर कब्ज़ा कर लिया 
मराठा नेवी की फ्लीट में दो स्क्वाड्रन होती थी तथा प्रत्येक स्क्वाड्रन में अलग अलग श्रेढ़ियो की २०० जहाजें होती थी 
शिवजी महाराज के देहांत के उपरांत छत्रपति संभाजी महाराज ने अपनी विशालकाय नौसेना की मदद से ही गोवा में पुर्तगालियों को तबाह बकर डाला था 
मराठा कुर्मियों के अतिरिक्त चोला कुर्मी क्षत्रियों ने भी विशाल नौसेना का निर्माण किया 
सम्राट राज राज चोलम ने अपनी शक्तिशाली नौसेना के दम पर श्रीलंका के उत्तरी भाग पर विजय प्राप्त कर ली तथा मालदीव का साम्राज्य विस्तार किया
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सम्राट राज राज चोला के पुत्र सम्राट राजेंद्र चोला ने अपनी नौसेना की शक्ति इस कदर बढ़ा ली की श्रीलंका,मालदीव,थाईलैंड,मलेशिया,सिंगापुर,कम्बोडिया जैसे देश चोल शक्ति के आगे नतमस्तक थे 
सम्राट राजेंद्र चोला ने यहाँ भी अपना विजय अभियान नहीं रोका और समुद्री मार्ग से बंगाल पर इतने आक्रमण किये की वहाँ का पाल शासक कभी भी उससे उभर नहीं पाया 
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राजनैतिक रूप से महत्त्वपूर्ण स्ट्रेट ऑफ़ मालक्का और स्ट्रेट ऑफ़ सुंडा पर कब्ज़ा कर सम्राट राजेंद्र चोल ने पहलीबार इन क्षेत्रो को भारत के कब्ज़े में लाया आज जिस भारतीय नौसेना की शक्ति से सम्पूर्ण विश्व परिचित है, उस भारतीय नौसेना की आधारशिला कुर्मी वीरो नहीं हे रक्खी थी
जय कुर्मी महावंश 
जय शिवाजी महाराज 
जय सम्राट राज राज चोल 
जय सम्राट राजेंद्र चोल  

Comments

  1. Kurmi kshatriya ki jai ho ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

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  2. कुर्मी समाज को अब देश की रक्षा के लिए आगे आना पड़ेगा गंज बिश्नोई जिहादियों के हाथों से बचाना पड़ेगा जो जिहादी घर घर जाकर गंजा गण चला रहे हैं गंज शादी घर पर जाकर रोज शादियों की हुए हिंदुओं की हत्या कर रहे हैं उनको काटना प्रदेश में 10 20 बच्चे पैदा कर रहे हैं वह और हिंदू अपने धर्म से जिले के लिए जो 2 बच्चे एक बच्चे रखता है उसको बाद में लूटेंगे और कर्मियों को जागना पड़ेगा धीरे धीरे

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