बैसवार कर्मियों का लिखित इतिहास गुप्त काल से मिलता है गुप्त साम्राज्य में बैसवार कुर्मी सामंत हुआ करते थे प्रशासनिक इकाई विश्व के अधिपति को वश कहा जाता था कालांतर में अवैध शब्द सही बैसवार शब्द का जन्म हुआ गुप्त साम्राज्य के महा सामंत बैसवार पुर में कुल शिरोमणि ओलिकारवंशी वंशी मालव राज यशोधर्मनने हूड आक्रमणकारी मिहिरकुल को हराया तथा उसे कश्मीर में भागने के लिए विवश कर दिया।
गुप्त साम्राज्य की अपार सफलता में बैसवार कुर्मी क्षत्रियों का अनमोल योगदान था।
गुप्त साम्राज्य के पतन के उपरांत बैसवार कुर्मी क्षत्रियोे ने स्वतंत्र राज्य का निर्माण किया ।
बैसवार कुर्मी पुष्यभूति बर्मन ने वर्धन वंश की स्थापना की ,जिस वंश में राजा प्रभाव का वर्णन तथा दानवीर राजा हर्षवर्धन जैसे वीरों ने जन्म लिया दानवीर राजा हर्षवर्धन ने कश्मीर से लेकर से लेकर सिंध तक राज्यविस्तार किया तथा कन्नौज को देश की सत्ता का केंद्र बनाया।
युद्धों के अतिरिक्त राजा ह एक राजा के रूप में प्रसिद्ध राज्य के गरीबों को दान दिया करते थे चीनी यात्री हुए अपने आचरण में लिखा है कि भारत जैसा कोई देश नहीं और राजा हर्षवर्धन जैसा कोई राजा नहीं 1857 में बैसवार कुर्मी परिवार में जन्मे राजा बेनी माधव सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत से आखिरी दम तक संघर्ष किया अपनी माटी के सम्मान के लिए हर संभव प्रयास किया वर्तमान में उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश बिहार व छत्तीसगढ़ में बस वार कुर्मी क्षत्रियों की अच्छी का अधिक जनसंख्या है आज भी उनके बाल जी महाराज मालव राज्य का दम राजा हर्षवर्धन का यश और राजा माधव सिंह की देश प्रेम की भावना जीवित है।
लोह पुरुष सरदार वल्लभाई पटेल की जय
जय कुर्मित्व
गुप्त साम्राज्य की अपार सफलता में बैसवार कुर्मी क्षत्रियों का अनमोल योगदान था।
गुप्त साम्राज्य के पतन के उपरांत बैसवार कुर्मी क्षत्रियोे ने स्वतंत्र राज्य का निर्माण किया ।
बैसवार कुर्मी पुष्यभूति बर्मन ने वर्धन वंश की स्थापना की ,जिस वंश में राजा प्रभाव का वर्णन तथा दानवीर राजा हर्षवर्धन जैसे वीरों ने जन्म लिया दानवीर राजा हर्षवर्धन ने कश्मीर से लेकर से लेकर सिंध तक राज्यविस्तार किया तथा कन्नौज को देश की सत्ता का केंद्र बनाया।
युद्धों के अतिरिक्त राजा ह एक राजा के रूप में प्रसिद्ध राज्य के गरीबों को दान दिया करते थे चीनी यात्री हुए अपने आचरण में लिखा है कि भारत जैसा कोई देश नहीं और राजा हर्षवर्धन जैसा कोई राजा नहीं 1857 में बैसवार कुर्मी परिवार में जन्मे राजा बेनी माधव सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत से आखिरी दम तक संघर्ष किया अपनी माटी के सम्मान के लिए हर संभव प्रयास किया वर्तमान में उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश बिहार व छत्तीसगढ़ में बस वार कुर्मी क्षत्रियों की अच्छी का अधिक जनसंख्या है आज भी उनके बाल जी महाराज मालव राज्य का दम राजा हर्षवर्धन का यश और राजा माधव सिंह की देश प्रेम की भावना जीवित है।
जगत राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की जय
दानवीर राजा हर्षवर्धन की जयलोह पुरुष सरदार वल्लभाई पटेल की जय
जय कुर्मित्व
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