कुर्मी समाज जो कि भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की प्राचीनतम नश्ल रही है जिसने दक्षिण एशिया पर शासन किया आज हम सभी जानेंगे कुर्मी सम्राट द्वारा बनाए गए कुछ विराट अद्भुत हिंदू मंदिरों के बारे में जिसका बारे में जानना । हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि आज हम सभी अपने इतिहास को बोल गए हैं ।
अंकोरवाट
अंकोरवाट दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर जिसका निर्माण कर्म सम्राट सूर्यवर्मन ने कराया था । वर्तमान समय का कंबोडिया जिसे की हमारे हमारे हिंदू पुराणों में कंबोजों से जोड़ा गया है वहां पर विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर अंकोरवाट स्थित है अंकोरवाट का मंदिर पूर्णता विष्णु भगवान को समर्पित था क्योंकि सूर्यवर्मन || एक वैष्णव हिंदू थे अंकोरवाट मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किया गया है अंकोरवाट भारतीय संस्कृति इतिहास का एक गौरवशाली प्रमाण है कि कि प्रत्येक भारतीय को अवश्य देखना चाहिए।
अंकोरवाट
अंकोरवाट दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर जिसका निर्माण कर्म सम्राट सूर्यवर्मन ने कराया था । वर्तमान समय का कंबोडिया जिसे की हमारे हमारे हिंदू पुराणों में कंबोजों से जोड़ा गया है वहां पर विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर अंकोरवाट स्थित है अंकोरवाट का मंदिर पूर्णता विष्णु भगवान को समर्पित था क्योंकि सूर्यवर्मन || एक वैष्णव हिंदू थे अंकोरवाट मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किया गया है अंकोरवाट भारतीय संस्कृति इतिहास का एक गौरवशाली प्रमाण है कि कि प्रत्येक भारतीय को अवश्य देखना चाहिए।
बृहदेश्वर मंदिर
तंजावुर स्थित बृहदेश्वर मंदिर विश्व के सबसे बड़े विराट मंदिरों में से एक है इसका निर्माण चोल वंश के राजा राज राज चोलम प्रथम ने करवाया था बृहदेश्वर मंदिर पूर्णता ग्रेनाइट से निर्मित है ऐसा माना जाता है कि पूरे मंदिर के निर्माण के लिए कुल 130000 टन ग्रेनाइट की आवश्यकता रही होगी यह मंदिर तमिल वास्तुकला श्वेष्टा को दर्शाता है राजा चोलन प्रथम तथा चोल वंश के सभी शासक शैव हिंदू थे जिसकी वजह से भगवान शिव की आराधना करते थे और बृहदेश्वर मंदिर भी इसी वजह से भगवान शिव को समर्पित था यूनेस्को ने वृद्धेश्वर मंदिर को विश्व धरोहर घोषित किया हुआ है 1 अप्रैल 1954 को आरबीआई द्वारा निकाले गए ₹1000 के नोकट पर पीछे बृहदेश्वर मंदिर का चित्र अंकिता था जो कि हमारी संस्कृति व इतिहास को सहेजने का एक बढ़िया प्रयास था।
हजारा राम मंदिर
विजय नगर के के महान सम्राट राजा कृष्णदेव राय द्वारा हजारा राम मंदिर का निर्माण कराया गया था राजा कृष्णदेव राय दक्षिण के महान हिंदू सम्राट हुए जिन्होंने आक्रमणकारियों द्वारा गिराए गए मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया उनके कार्यकाल के दौरान हजारा राम मंदिर जैसे भव्य मंदिर का निर्माण राजा कृष्णदेव राय भगवान राम के आराध्य थे। जिसकी वजह से उन्होंने इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया इसका नाम हजारा इसलिए पड़ा क्योंकि इस मंदिर के अंदर हजार स्तंभ है हजारा राम मंदिर विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हंपी में स्थित है जो की तत्कालीन समय की विश्व की सबसे आधुनिक व विकसित नगरी थी हजारा राम मंदिर 21वीं सदी में भी हमें राजा कृष्ण देव राय के समय की वास्तुकला से परिचित व हमें गर्व की अनुभूति कराता है।
गंगई गोंडा
गंगई गोंडा गया मंदिर राजा चोलन प्रथम के पुत्र राजेंद्र चोला द्वारा निर्माण किया था था राजेंद्र चोल दक्षिण भारत का पूरे दक्षिण पूर्वी एशिया पर विजय प्राप्त कर चुके थे वाह बाकी चोल शासकों की तरह हिंदू धर्म को मानते थे अपनी भगवान शिव ने शिव ने ने और आराधना होने के कारण उन्होंने अपने साम्राज्य के दौरान एक महान विराट शिव मंदिर का निर्माण कराया जिसके अंदर विश्व का सबसे बड़ा बड़ा का सबसे बड़ा शिवलिंग है जिसकी लंबाई 4 मीटर है मंदिर की दीवारें चोल संस्कृति को कला को दर्शाते हैं कलाकृतियां हमें उस समय के महान साम्राज्य के बारे में कई कई सारी जानकारियां भी प्रदान करती है यह मंदिर दक्षिण भारत में स्थित सबसे महान मंदिरों में से एक है जिसका संबंध इतिहास से बहुत ही गहरा है क्या मंदिर चोल साम्राज्य के श्रेष्ठता व विराटता को दर्शाता है।
सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ मंदिर जो कि गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है सोमनाथ मंदिर का एक बहुत बहुत ही बड़ा इतिहास है सोमनाथ मंदिर पूरे हिंदू समाज, हिंदू धर्म पर हुए अत्याचारों को दिखाता दिखाता है हिंदू धर्म के पतन व उत्थान को दर्शाता है मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा सोमनाथ मंदिर को गिरा दिया गया था यह घटना अत्यंत भयानक व क्रुर है जिस तरीके से आज अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सालों से इंतजार किया जा रहा है उसी तरीके से सोमनाथ मंदिर के निर्माण के लिए भी तारीख पर तारीख आती चली आ रही थी पर भारतवर्ष के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को अत्यंत पीड़ादायक महसूस होता था सरदार पटेल सोमनाथ मंदिर के पुर्ननिर्माण में एक बड़ा सहयोग दिया तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के पसंद के ना होते हुए भी उन्होंने सोमनाथ मंदिर का निर्माण पुनः करवाया सोमनाथ विश्व के प्रत्येक हिंदू के लिए आस्था का प्रतीक है तथा व हिंदुत्व गुजरात के इतिहास को दर्शाने वाला एक एक पात्र भी है भी है जिसका निर्माण कुर्मी पुत्र सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया था आज भी है घटना हमारे समाज के बहुत से युवा नहीं समझते या घटना एक कुर्मी के हृदय में हिंदुत्व अपने देश की संस्कृति के प्रति सम्मान व प्रेम के भाव दिखाता है।
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