बिहार जनसंख्या के हिसाब से भारतवर्ष का तीसरा सबसे बड़ा राज्य राज्य है
लोकसभा की कुल 40 सीटें होती हैं यहां से किसी भी राजनीतिक दल के लिए बिहार
1 महत्वपूर्ण राज्य है क्योंकि 40 सीटें किसी भी दल को प्रचंड बहुमत भी
दिला सकती हैं और हरा भी सकती हैं इसी बिहार पर 12 वर्षों से अधिक राज करने
वाले नीतीश कुमार जी भी जाति से कुर्मी ही है नीतीश कुमार का राजनैतिक काल
का आरंभ बिहार की राजधानी पटना में हुई कुर्मी रैली से ही हुई थी मीडिया
के अनुसार कुर्मी समाज की जनसंख्या 3 से 5% के आस पास है पर यह आंकड़ा
बिल्कुल गलत है क्योंकि जाति प्रथा बिहार में काफी ज्यादा चलन में है और
ऐसे में ऐसा समुदाय जिसकी जनसंख्या मात्र 5% है तो उसका कोई आदमी भला 12
वर्ष से अधिक कैसे शासन कर सकता है बिहार में कुर्मी समाज की कुछ
उप-जातियों को स्वतंत्र जाति की तरह प्रचारित किया जा रहा है उस जाति के
लोग खुद जानते हैं कि वह कुर्मी समाज के सदस्य हैं उनके सारे वैवाहिक संबंध
तथा अन्य संबंध कुर्मी जाति से ही है चनउ कुर्मी समाज कुर्मी समाज की एक
उपजाति है उससे उत्तर प्रदेश में कुर्मी नाम से जाति प्रमाण पत्र मिलता है
पर बिहार में उसे चनउ के नाम से ही जाति प्रमाण पत्र मिलता है धानुक भी
कुर्मी समाज की है कब जाती है जो कि बिहार में भारी संख्या में है दोनों को
भी कुर्मी समाज से अलग करने का प्रयास किया जा रहा है तथा धानुक को एक
स्वतंत्र जात के रूप में प्रचारित किया जा रहा है हाल ही में धानुक उपजाति
के अंतर्गत आने वाले कुर्मि समाज के कुछ प्रबुद्ध व्यक्तियों ने एक सम्मेलन
बुलाया जिसमें कि उन्होंने साफ शब्दों में कहां कि वह जाति से कुर्मी और
उपजाति से धानुक है और अगर कुर्मी समाज की सारी उप-जातियों को मिला ले तो
उनकी जनसंख्या बिहार में 14 प्रतिशत के आसपास है बिहार में महतो कुर्मी की
भी आबादी है निश्चित तौर पर बिहार में कुर्मी समाज सिर्फ कागजों पर ही 5
प्रतिशत है धरातल पर कुर्मी समाज कम से कम 14 % के आसपास है मॉरीशस के
प्रथम राष्ट्रपति भी बिहार की कुर्मी परिवार से संबंध रखते हैं विश्व के
प्राचीनतम नगर और अपने शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रसिद्ध नालंदा बी
कुर्मी बाहुल्य नगर है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी भी यही से हैं
बिहार में कुर्मीयों की शक्ति का उदाहरण तो बिहार की राजधानी पटना में हुए
कुर्मी चेतना रैली नहीं हो गया था जब पटना की गलियां कुर्मियों द्वारा भरी
पड़ी थी बिहार के विकास पुरुष कुर्मी कुल वंशज नितीश कुमार जी के राजनैतिक
अवतार का भी आरंभ ऐसी रैली से हुआ था बल्कि आधुनिक काल के कुर्मी क्रांति
की आधारशिला की तरह थी आज के पीड़ी के सो जाती है युवाओं को इसके बारे में
जानकारी कम है उन्हें उस रैली से चेतना लेने की जरूरत है निसंदेह बिहार और
ना सिर्फ बिहार संपूर्ण मैदानी क्षेत्र तथा संपूर्ण भारतवर्ष में कुर्मी
समाज एक बड़ी राजनैतिक सकती है कुर्मी समाज बहुल्यता में फैला हुआ है पर
उपजाति,राज्य,उपनाम,भाषा आदि की भेदने में बांट दिया अब समय आ गया है कि हम
सब एक हो और देश और दुनिया का मार्गदर्शन करें
कुर्मी एकता जिंदाबाद
कुर्मी एकता जिंदाबाद
Nitesh Kumar g ko kurmi ke sabhi upjati ka nam clear karna chhahiye
ReplyDeleteMedia ke samne