Skip to main content

Uttar-Pradesh Ki Rajneeti Me Kyu Peechda Kurmi Samaj

उत्तर प्रदेश की राजनीति में क्यों पिछड़ा कुर्मी समा
उत्तर प्रदेश जोकि देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। लोकसभा की कुल 80 सीटे आती है यहां से ।
ऐसा भी माना जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तरप्रदेश से हो कर ही निकलता है। तभी तो नरेंद्र मोदी,राहुल गांधी, सोनिया गाँधी जैसे बड़े नेता उत्तरप्रदेश से न होते हुए भी यही से चुनाव लड़ते है और इन्ही वजहों से उत्तरप्रदेश की राजनीति हमेसा गर्म रहती है।
images (72).jpg
देश के बहुत से प्रधानमंत्रियों के संसदीय-क्षेत्र उत्तरप्रदेश से ही है पर इन सभी के बीच मे एक ऐसा समुदाय है जो अभी भी आने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है।
जी हां कुर्मी समाज को उत्तरप्रदेश में 14 फीसदी की आबादी रखता है, अवध,पूर्वांचल, ब्रज तथा पश्चिमी उत्तरप्रदेश हर जगह कुर्मी वोटरों की अच्छी-खासी संख्या है।
images (53).jpg
प्रदेश में बेनीप्रसाद वर्मा,ओमप्रकाश सिंह तथा संतोष गंगवार जैसे दिग्गज नेता होने के बावजूद कभी भी कोई कुर्मी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री नही बन सका यहाँ तक कि कैबिनेट में भी सही प्रतिनिधितव तक नही मिला ।
मंडल आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद कुर्मी समाज को सीधे-तौर पर फायदा हुआ पर यह फायदा और उछाल सीमित रह गयी।
कुर्मी समाज के पिछड़ेपन के मुख्य कारण:-
अंतर-उपजातीय तथा अंतर-जनपदी विवाहों की कमी
हम सभी ने बचपन मे तीन भाइयो की कहानी अवश्य सुनी होगी जिसमें भाईयो को एक एक करके लकड़िया दी जाती है और वह उन्हें तोड़ देते पर जब उन्हें कई लकड़िया दी जाती है तो वह उन्हें नही तोड़ पाते है।
Screenshot_2019-03-27-22-15-22-872_com.google.android.youtube.png
कहानी एकता की आवश्यकता को दरशाती है
यह कहानी कुर्मी समाज पर बिल्कुल सगी बैढती है अगर कुर्मी समाज की सारी उपजातियां साथ रहे एक मंच पर आए तो निश्चित रूप से कुर्मी समाज की शक्तियों में बढ़ोतरी आएगी पर जब तक हम उपजाति क्षेत्र आदि के भेदों में विभाजित रहेंगे तब तक हमारी शक्तियां भी सीमित रहेंगी।
सर्व-मान्य नेता की कमी
क्षेत्रीय रूप से कुर्मी समाज मे बेनीप्रसाद वर्मा संतोष गंगवार तथा ओमप्रकाश सिंह जैसे बड़े नेता होने के बावजूद वह कभी भी प्रदेश का नैतृत्व नही कर सके क्यों उनका जनाधार सीमित था और परिदामस्वरूप उनका राजनीतिक करियर भी सीमित रहा।
राजनीतिक चेतना की कमी
कुर्मी समाज की सबसे बड़ी कमजोरी जिसके वजह से हम आज इस स्तिथि में पहुच गए कि छत्रपति के वंशजों को अपनी मौजोदगी दर्ज करानी पड़ रही है। हम दलो के लिए एक बड़ा वोटबैंक तो बन गए पर कभी भी हमे जनसंख्या के अनुपात में सही प्रतिनिधित्व नही मिला।
Kurmihistory.com पर आने के लिए धन्यवाद
आप हमारे यूट्यूब चैनल KurmiSutra पर भी हमसे जुड़ सकते है:-
https://www.youtube.com/channel/UCTZp0eDApnEgHDHwPthG_kA

Comments

Popular posts from this blog

कुर्मी वंश का गौरव शाली इतिहास पार्ट 1

जो स्थान यूरोप के इतिहास में रोमन व ग्रीक का है वही स्थान भारतीय इतिहास में कूर्म वंश का हैं। इसी कूर्म वंश में छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज, राजा मिहिरभोज, राजा राजा चोलम प्रथम जैसे वीरो ने जन्म लिया। विश्व की प्राचीनतम पुस्तक वेदों में भी कूर्म वंश का उल्लेख मिलता है जोकि कुर्मी समाज की प्राचीनता को दरसत है। पूरा दक्षिण-एशिया कूर्म वंश के राज के अंदर राह चुका हैं। राजा राजा चोलम प्रथम व राजेन्द्र चोल जैसे कुर्मी वीरो ने दक्षिण-पूर्व देशों के ऊपर भी विजय प्राप्त की और भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म का प्रचार किया जिसका अंश आज भी मलेशिया, थाईलैंड जैसे कई अन्य दक्षिण-पूर्वी देशों में दिखाई देती है।भारतीय संस्कृति व कला में कुर्मियों का एक बड़ा योगदान है  विश्वभर में बने अधिकतर विशाल व प्राचीन हिन्दू मंदिर कूर्म वंश के राजाओं द्वारा ही बनाये गए है जैसे कि विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर जोकि थाईलैंड में स्थित हैं उसका भी निर्माण कुर्मी नरेश सूर्यदेव वर्मन ।। ने ही कराया था। वर्तमान समय मे भारत सहित नेपाल, बंगलादेश, बलूचिस्तान, श्रीलंका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्य

Kurmi Samaj Ke Kitne CM Hai

कूर्मि समाज की पहचान प्राचीन काल से ही शासक वर्ग की रही है । कुर्मियों ने पूरे दक्षिण भारत पर शाशन किया और आज हम आपको बताने वालें है कूर्मि समाज के मुख्यमंत्रीयों के बारें में 1. नीतीश कुमार   बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुशाशन बाबु नाम से भी जाना जाता है ।वह जनता दल यूनाइटेड से 12 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए है। 2. कुमार स्वामी कुमार स्वामी जी जनता दल सेक्युलर से कर्नाटक से मुख्यमंत्री हैं वे पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच डी देवगौड़ा जी के सुपुत्र हैं । 3. जगन मोहन रेड्डी   जगन मोहन रेड्डी जी वाई एस आर कांग्रेस से प्रचंड बहुमत के साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें हैं। विधानसभा के अलावा उन्होंने लोकसभा में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। 4. प्रमोद सावंत   प्रमोद सावंत जी भाजपा से गोआ के मुख्यमंत्री बने हैं उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर जी की मृत्यु के बाद चुना गया था । गोआ के अलावा प्रमोद सावंत जी महाराष्ट्र में भी एक बड़े नेता है। 5. भूपेश बघेल   भूपेश बघेल जी कांग्रेस से छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री चुने गए हैं।

History Of Kurmi Community || Glory Of Vedic Kshatriya Kurmi

Kurmi is an ancient Kshatriya caste which has it’s origin near Indian Sub-continent. Almost all of the South-Asia Has been ruled by the Kurmi Kings in different phases of the History. The Significance growth of Hinduism and Indian Culture in the South-East Countries is the result of hose Kurmi Kings who have ruled almost the entire Sub-Continent.   Kurmi caste is also recognized as the saviors and protectors of the Hinduism and Indians History and Culture because of their numerous battles that they fought against the invaders (from the ancient time to the modern). Courage and loyalty are the main characteristics of Kurmi Community. FACTS OF KURMI COMMUNITY RELIGION Hinduism VANSH Suryavansh, Chandravansh ORIGIN Bhagwan Ram FLAG Saffron   VARNA   Kshatriya ANCIENT TIME As we all know that the Kurmi community is an great ancient community living in Indian Sub-Continent. We get numerous text evidence