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Why Kurmi And Gurjars Have Same Origin Kurmi-Gurjar Ekta

कुर्मी और गुर्जर दोनों ही भारतवर्ष की बड़ी कृषक जातियां हैं कुर्मी गुर्जर एकता का कांसेप्ट जब भी कहीं शुरू होता है बात अंत में यही आ कर सकती है कि है कि सकती है कि है कि कर सकती है कि है कि सकती है कि है कि पहले मुर्गी आई या अंडा जब भी कोई महान काम शुरू होता है तो उस काम को लटकाने वाले उसकी आलोचना करने वाले वहां पर आप अच्छे आशिक आशिक रूप से निमंत्रित रहते हैं यहां भी कुछ ऐसा ही है एकता की बात कुर्मी और गुर्जर दोनों ही तरफ से हो रही है हो रही है से हो रही है तरफ से हो रही है हो रही है हो रही है पर कुछ लोग इसी कारण डर में आकर आकर बौखलाहट में किसी भी तरीके से होना नहीं देना चाहते क्योंकि उन्हें पता है की कुर्मी और गुर्जर दोनों ही भारतवर्ष की की ही भारतवर्ष की महान कृषक जातियां हैं अगर वह दोनों एक होती हैं एक मंच पर आती है तो बहुजन वाद ब्राह्मणवाद तथा इस प्रकार के सभी वादों पर कुर्मी गुर्जर एकता भारी पड़ेगी और उनकी दुकानें बंद हो जाएंगी कुर्मी गुर्जर समाज की आबादी भारत में 30 करोड़ के आसपास के आसपास है जो कि देश में में देश में में अधिकांश लोकसभा और विधानसभा सीटों पर बहुलता में हाय ऐसा भी नहीं है भी नहीं है कुर्मी गुर्जर एकता मात्र राजनीतिक है कुर्मी और गुर्जर दोनों में बहुत सी समानताएं हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल को पटेल को दोनों ही अपना बता दी हैं गुर्जर और कुर्मी दोनों के संबंध किसान कुल कुल किसान कुल कुल किसान कुल कुल से हैं और प्राचीन काल से ही हैं गुर्जर को कई जगह लेवा पाटीदारों से संबंध बताए गए हैं कुर्मी गुर्जर एक ही पेड़ से निकली हुई दो शाखाएं हैं जिनकी जड़ें और उत्पत्ति एक ही है पर वर्तमान में दिशाएं अलग हैं राजपूत ब्राह्मण और विशेषकर वैश्य समुदाय की उप-जातियों में बहुत सी में बहुत सी भिन्नता है उनकी उत्पत्ति इतिहास संस्कृति गोत्र सब अलग है पर आज वह एक क्षत्र के नीचे हैं संगठित हैं और मजबूत हैं राजपूतों की बहुत सारी उप जातियां आदिवासी हैं जो कि फर्जी फर्जी वैभव के लिए राजपूत बन चुके हैं आज वह सब संगठित हैं और मजबूत हैं तो हम क्यों नहीं हम सब कृषक है सरदार पटेल के वंशज है कुर्मी गुर्जर एकता समय की मांग है कुर्मी और गुर्जरों का अलगाव एक साजिश है जिसका मुख्य उद्देश्य देश के बहुसंख्यक और सत्यता के वीरा के ऊपर वैज्ञानिक विजय और उन्हें सामाजिक तथा राजनैतिक स्तर पर बांट दिया जाए अगर अलग इतिहास अलग संस्कृति अलग उत्पत्ति वाले एक होकर होकर राज कर सकते हैं तो हमारी तो उत्पत्ति इतिहास संस्कृति सब एक है इतिहास गवाह है कि जब भी देश और धर्म पर किसी भी प्रकार की परेशानी आई है तो कुर्मी और गुर्जरों ने ही शस्त्र उठाए हैं और देश और धर्म की रक्षा की है
कुर्मी गुर्जर एकता जिंदाबाद
Kurmivanshi Harsh Verma
फ़ोटो का कोई वर्णन उपलब्ध नहीं है.

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